Geography of Haryana:This article shows the geographical situation of Haryana in which the areas of Haryana are described.
- हरियाणा भारतीय संघ के उत्तरी क्षेत्र का एक भाग है, जो 44,212 वर्ग किलोमीटर में विस्तृत हैI
- यह पूर्व में उत्तर प्रदेश, पश्चिम में पंजाब, उत्तर में हिमाचल प्रदेश तथा दक्षिण में राजस्थान से गिरा हुआ हैI
- यह पंजाब के मैदान के दक्षिणी भाग में 27 डिग्री 39’ उत्तरी अक्षांश से 30 डिग्री 55’ उत्तरी अक्षांश तथा 74 डिग्री 28’ पूर्वी देशांतर से 77 डिग्री 36 पूर्वी देशांतर के मध्य अवस्थित हैI
- हरियाणा के उत्तर में शिवालिक पहाड़ियां तथा पूर्व में यमुना नदी हैI
- इस राज्य की दक्षिण-पश्चिम सीमा अरावली पर्वतमाला में स्थित हैI जो दक्षिणी दिल्ली और गुरुग्राम जिले से अलवर तक फैली हुई है
- घग्गर नदी राज्य की पश्चिमी सीमा में बहती है
- भूगोलवेत्ता डॉ॰ जसवीर सिंह के अनुसार हरियाणा का मुख्य 8 भू-आकृतिक प्र्देशों में विभाजित किया गया है इसका विवरण उन्होंने पुस्तक ‘एन एग्रीकल्चरल जियोग्राफी ऑफ हरियाणा’ मैं दिया है
1 शिवालिक
2 जलोढ़ मदान
3 बालू डिब्बे युक्त मैदान
4 तरंगित बालू मैदान
5 गिरी पाद मैदान
6 बाढ़ का मैदान
7 अरावली का पथरीला प्रदेश
8 अनकाई दलदल
भौगोलिक क्षेत्र
भौगोलिक दृष्टि से हरियाणा को तीन भागों में बांटा गया है 1 कुरुक्षेत्र 2 हरियाणा
3 भटीटयाना
1 कुरुक्षेत्र
यह क्षेत्र 28 डिग्री 30 से 30 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 76 डिग्री 21 से 70 डिग्री पूर्वी देशांतर के मध्य विस्तृत हैI
इसमें पूर्व के करनाल जिले जींद के क्षेत्र शामिल हैंI तथा इस क्षेत्र में ‘चुवान’ नदी बहती हैI
यह क्षेत्र धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण हैI
2 हरियाणा
29 डिग्री 30’ से उत्तरी अक्षांश के मध्य विस्तृत इस भौगोलिक क्षेत्र में हाँसी,
फतेहाबाद और हिसार तहसीलें, भिवानी जिला और रोहतक जिले के भाग शामिल हैं
इस भाग को जाटों की अधिकता के कारण इसे जटियात क्षेत्र कहा जाता हैI
3 भटिटयाना
यह क्षेत्र फतेहाबाद और मोटू तहसीलों के मध्य स्थित हैI
इस पर प्राचीन काल से भाटी राजपूतों का आधिपत्य रहा है
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