Historical facts of Haryana :
This article gives information about the history of Haryana that what is the history of Haryana
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Historical facts of Haryana
- हरियाणा का वैदिक काल से ही गौरवपूर्ण इतिहास रहा है I भरतवंश के शासकों ने यहां पर शासन किया I
- हरियाणा के कुरुक्षेत्र में कौरवों और पांडवों के मध्य प्रसिद्ध युद्ध हुआ थाI
- मध्यकाल में यह दिल्ली सल्तनत व मुगल सता के अधीन रहाI
- 1857 के विद्रोह की असफलता के बाद अंग्रेजों न बहादुरगढ़,झज्जर,बल्लभगढ़ के नवाबों और राजाओं को हटा दिया I तथा हरियाणा को पंजाब का हिस्सा बना दिया I
- जैन सांस्कृतिक रचनाओं ‘भद्रबाहु चरित्र’ तथा ‘कथाकोश’ पहली से तीसरी सदी तक के सांस्कृतिक जीवन का पता चलता है I
- बौद्ध ग्रंथ दिव्यावदान में रोहतक तथा ‘अग्रोहा’ का उल्लेख मिलता है I
- वामन पुराण में हरियाणा में प्रवाहित होने वाली नदियों व वन क्षेत्रों का वर्णन मिलता है I
- टोपरा से प्राप्त अशोक स्तंभ जिस पर 7 अभिलेख अंकित हैं I
- सोनीपत से हर्ष कालीन तांबे के मुद्रांक प्राप्त हुए हैI जिससे पुष्यभूति वंश के राजाओं का परिचय मिलता है I
- 9 वीं सदी में भोजदेव के पिहोवा अभिलेख से हरियाणा के बारे में जानकारी प्राप्त होती है I
- लाडनुं से प्राप्त एक अभिलेख में हरियाणा की राजधानी दिल्ली बताई गई है I
- बनावली से पक्की ईटें प्राप्त हुई हैं I
- महाभारत में नकुल द्वारा जीते गए रोहतक, सिरसा आदि क्षेत्र जीते जाने का वर्णन है I
- पांडवों के पतनोप्रांत हरियाणा में गण राज्यों का उदय हुआ I महत्वपूर्ण कुरू गणराज्य हरियाणा में अवस्थित था I
- मोर्यों की समाप्ति के बाद हरियाणा में योधेय आए I हांसी, हिसार, सिरसा, सोनीपत, रोहतक, गुरुग्राम एवं करनाल में योधेयों के सिक्के प्राप्त हुए हैं I
- योधेयों के विस्तृत राज्य की राजधानी ‘प्रकृतनाक’ (नौरंगाबाद बायला) थी I
- पुष्यभूति वंश के सार्थक हर्ष द्वारा एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की गई, जिसकी राजधानी ‘थानेश्वर’ थी I
- तोमर शासक जयपाल के समय मोहम्मद गजनवी ने थानेसर पर आक्रमण किया तथा अजय पाल को पराजित किया I
- 1151 ई॰ में चौहान शासक विग्रहराज चतुर्थ ने तोमरों को पराजित कर दिल्ली व हांसी पर अधिकार कर लिया I
- 1192 ई॰ में गोरी ने तराइन की दूसरी लड़ाई में पृथ्वीराज चौहान एवं गोविंद राय की संयुक्त सेना को पराजित किया I
- फिरोज़शाह तुगलक ने अपने पुत्र फतेह खान के नाम पर हिसार में फतेहाबाद नामक नगर की स्थापना की I
- दादू दयाल हरियाणा के पहले भक्ति संत थे I
- 1543 ई॰ में वीरभान ने नारनौल में सतनामी पंथ की स्थापना की
- अकबर ने हरियाणा के कुछ भाग को दिल्ली सुबे के अधीन तथा कुछ भाग को आगरा के अंतर्गत कर दिया I
- औरंगजेब के समय नंदराम नामक एक अहीर ने (गड बोलनी गांव) रेवाड़ी में अहिर शासन की स्थापना की I
- पानीपत के तृतीय युद्ध के बाद राजा सूरजमल ने मेवात, झज्जर एवं रोहतक के काफी बड़े क्षेत्र पर कब्जा कर हरियाणा में जाट प्रभुत्व कायम किया I
- हरियाणा में 1857 की क्रांति का प्रारंभ 10 मई 1857 को अंबाला छावनी से हुआ I
- हांसी हिसार तथा सिरसा में क्रांति का नेतृत्व (शहजादा मोहम्मद आजम) ने किया I
- 19वीं सदी में झज्जर में (विशंभर दयाल शर्मा) ने ‘भारत प्रताप’ नामक उर्दू समाचार पत्र का प्रकाशन प्रारंभ किया I
- 1880 ईसवी में स्वामी दयानंद द्वारा रेवाड़ी में आर्य समाज की एक शाखा की स्थापना की गई I
- आर्य समाज की प्रतिक्रिया स्वरूप रूढ़िवादी ब्राह्मणों ने 1886 वी में सतनाम धर्म सभा का गठन किया I
- 1887 ई॰ में लाला लाजपत राय द्वारा हिसार में कांग्रेस की नींव डाली गई I
- 12 अक्टूबर 1886 को रोहतक में कांग्रेस की पहली सार्वजनिक सभा हुई, जिसकी अध्यक्षता तुर्राबाज खान ने की I
- असहयोग के दौरान हरियाणा में पहली राजनीतिक सभा पानीपत में वर्ष 1920 मैं हुई जिसका आयोजन लका उल्ला खान ने किया तथा अध्यक्षता लाला लाजपत राय ने की I हरियाणा के 500 से अधिक लोगों ने व्यक्तिगत सत्याग्रह में भाग लिया I
- असहयोग आंदोलन की समाप्ति पर वर्ष1923 में ‘चौधरी छोटूराम’ तथा ‘मियां फजल हुसैन’ ने यूनियनिस्ट पार्टी की स्थापना की I
- वर्ष 1946 मैं पंजाब मे कांग्रेस ने ‘यूनियनिस्ट पार्टी’ के सहयोग से सरकार बनाई I इस सरकार में हरियाणा के कांग्रेसी नेता (चौधरी लहरी सिंह) भी शामिल थे I
1 comment:
Hello Dosto
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